Monday, March 20, 2017

Secularism



Secular शब्द का सीधा सा अर्थ होता है Equality ,समानता ।
पर आज हमारे देश में Secular शब्द  मजाक बनकर रह गया है।
आज हमारे देश में जो लोग एक विशेष धर्म ,जाति का समर्थन करती है , ऐसे लोगों को Secular कहा जाता है ,और ऐसी राजनीतिक पार्टीओं को Secular पार्टी कहा जाता है ।
और जो व्यक्ति, देश में ऐसे असमानता के खिलाफ आवाज उठाता है उसे संप्रदायिक व्यक्ति और ऐसे पार्टियों को संप्रदायिक पाटियाँ कहते हैं ।
और इस प्रकार का चलन हमारे देश में जोरों से फैल रहा है और अगर इसे  नहीं रोका जाता है तो ,यह हमारे देश के लिए अच्छा नहीं होगा ।
जो व्यक्ति ,पार्टी  यह छाती पीट पीट कर चिल्लाती हैंकि हम Secular हैं, ऐसे लोगों को शर्म करनी चाहिए ।
ये लोग सत्ता पाने के लिए समाज में आक्रोश पैदा कर रहे हैं जो हमारे राष्ट्र के लिए घातक हो सकता है ।
हमारे देश के लोगों को भी यह समझना चाहिए कि ऐसे लोग समाज में आक्रोश पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जो ना हमारे लिए अच्छा है और ना ही हमारे समाज के लिए।
 हां यह भी सच है कुछ पल के लिए ऐसा जरूर हम महसूस करते हैं, यह व्यक्ति हमारे लिए हमारे समाज के लिए आवाज उठा रहा है ,पर वास्तव में यह बिल्कुल अलग है ।
यह हमारी आवाज नहीं उठा रहा है बल्कि यह एक समाज से दूसरे समाज को अलग करने का काम कर रहा है एक दूसरे के विरोधी बनाने का काम कर रहा है ।
 Secularism यह कहां कहती हैंकि, आप एक धर्म विशेष के लोगों की बातें करेंगे तो आप Secular कहलाएंगे।
Secularism का साफ-सा अर्थ होता है ,हर धर्म -हर व्यक्ति को समान निगाहों से देखने ।
पर शायद हमारे देश में तो  Secularism को लोग मजाक बनाकर रख दिए हैं ।
जो सब को साथ रखना चाहता है ,जो असमानता के खिलाफ आवाज उठाता है उसे संप्रदायिकता का टीका लगा दिया जाता है ।
वास्तव में ये छाती पीट पीटकर  Secular होने के दावा करने वाले ही हमारे देश में सांप्रदायिकता का माहौल पैदा कर रही है ,उदहारण भरी पड़ी है ।
 सांप्रदायिकता वही फैलती है जहां लोगों में आक्रोश इस बात का रहता है कि हमारे साथ अत्याचार किया जा रहा है और ऐसे लोग अपने आप को Unsecured महसूस करते हैं और एकजुट होते हैं और तब एक वर्ग दूसरे वर का विरोधी बन जाता है ।
हमारा देश एक Secular राष्ट्र है, अतः ऐसे लोगों का साथ नहीं देना चाहिए जो Secural के नाम पर  Vote पाने के लिए  हमारे समाज मे क्रोध पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, समाज और धर्म को बांटने की राजनीति कर रहे हैं ।

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