Wednesday, November 30, 2016

Dialogue

ऐ वक्त नाराज हूं मैं तुमसे ,हर रोज तो बदलता है, हर किसी के लिए, तो फिर मेरे लिए क्यों नहीं 

Sunday, November 20, 2016

Dialogue

पता है मुझे ,मेरी बेरुखी तुम्हें हर पल दुख दिए है, पर मेरी बेरुखी का कारण बस तुम्हारी खुशी था

Wednesday, November 16, 2016

जिंदगी तुम्हें रुकना आता नहीं

कुछ पल ,थम सी जाती है हवाएं और ये नदियां, शाम  ही सही ,पर रुकना इंहें आता नहीं ।
संभलती हुई चलती है ये जिंदगी, कभी रुकती तो कभी थक जाती,पर ना पसंद थी इसे कोई बंदिशों  बेडीयाँ । 

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Tuesday, November 15, 2016

Dialogue

वक्त सच में बहुत बड़ा जादूगर है,पल मे वो सारे भ्रम तोड़ दिया, जो ना जाने कब से दिल मे पाल रखा था😊

Sunday, November 13, 2016

Dialogue

वक्त की परछाइयों में चलने का हुनर तो जानता था, पर वक्त की बेवफाई तो देखो, शाम ढलने पर ही आता था।

Saturday, November 12, 2016

Dialogue

1. तुम कल भी झूठी थी और आज भी झूठी हो, फर्क बस  तेरे लिबास  का है ।

2 . वक्त तो हर रोज बदल जाते हैं हमारे, पर जो नहीं बदलती ,वो है मेरी ख़्वाहिशों ।

ख्वाहिशें बहुत की मगर

ख्वाहिशें बहुत थी , मगर ख्वाहिशों की कोई ख्वाब नहीं थी ।
आंखे करती भी, तो क्या करती, जब उसे कोई रास ना आया।
निकला जब ख्वाबों को ढूंढे , रात थी  काली मगर , नींदों ने साथ न दिया।

Thursday, November 10, 2016

यादें

वे लोग भी कितने खुशनसीब है ,जिन्हें  वक्त के साथ दिल भी बदलना आता है।लोग तो साथ छोड़ देते हैं ,पर यादें हमेशा साथ  रह जाते हैं ।

Sunday, November 6, 2016

तेरी शिकायतों से

तेरी शिकायतों से मुझे कोई शिकायत नहीं, शिकायत तो खुदा से है की काश एक और दिल देता,जो तेरे रंग में रंग देता,पर फिर सोचता हूं चलो अच्छा हुआ जो ना दिया ,इसे भी तो टूटना ही था